*वर्तमान महीने के दौरान ग्रह गोचर और प्रभाव* *श्री मंशापूर्ण ज्योतिष*
*बुध ग्रह का गोचर* : वर्तमान समय में बुध का गोचर 5 जनवरी से मकर राशि में उसके बाद 25 जनवरी से कुंभ राशि में गोचर करेंगे, 30 जनवरी को बुध वक्री भी होंगे अगले 22 दिनों के लिए । इस अनुसार 8 जनवरी से लेकर 29 जनवरी दरम्यान बुध अपने पूर्ण शुभ प्रभाव गोचर में देंगे, ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह धन, वाणी, मित्रता और व्यवसायक सफलता के कारक हैं इस नाते इन सभी विषयों में बुध सकारात्मक फल देंगे, अन्य भी जो महत्वपूर्ण कार्य जो धन से संबंधित हों किसी भी तरह की खरीदारी या बेचने से संबंधित हों वह भी 8 जनवरी के बाद से शुभ है । ज्योतिष अनुसार बुध ग्रह का गोचर 1, 2, 3, 5, 6, 7, 11वे भाव में शुभता देता है । लेकिन आपकी जन्म कुण्डली में भी बुध ग्रह की स्थिति अच्छी होनी चाहिए तभी आपको बुध का यह गोचर शुभकारी परिणाम देगा । जबकि बुध का गोचर 4, 8, 9, 10 और 12वे भाव में कष्टकारी होता है ।
*शुक्र_ग्रह_का_गोचर* : वर्तमान समय में शुक्र का गोचर 4 जनवरी से धनु राशि में आ गया है और उसके बाद 28 जनवरी से मकर राशि में गोचर करेंगे । धनु राशि शुक्र के लिए शत्रु राशि होने के कारण यहाँ शुक्र अपने शुभ प्रभाव नहीं दे पाता, इस अनुसार जनवरी महीने में नई साँझीदारी या नया रिश्ता जोड़ने से परहेज़ करें, उच्च शिक्षा या दूर की यात्रा के लिए भी समय शुभकारी नहीं होगा, इसके इलावा नया वाहन खास कर गाड़ी या किसी भी तरह की research से जुड़े कार्य भी जनवरी महीने में शुभता नहीं देंगे । ज्योतिष अनुसार शुक्र का गोचर 2, 4, 7, 8, 11 और 12वे भाव में शुभकारी होता है । जबकि 3, 5, 6, 9 और 10वे भाव में यह गोचर कुछ विशेष लाभ नहीं देता ।
*सूर्य_ग्रह_का_गोचर* : वर्तमान समय में सूर्य धनु राशि में गोचर कर रहे हैं जो कि 14 जनवरी 2021 को मकर राशि में गोचर करेंगे अगले 30 दिन के लिए । धनु और मकर दोनों में ही सूर्य शुभकारी परिणाम देता है, क्योंकि धनु राशि सूर्य के मित्र ग्रह बृहस्पति की राशि है, जबकि कालपुरुष कुण्डली अनुसार मकर राशि में सूर्य दिशा बलि होकर मज़बूत होता है, लेकिन इस बार शनि देव भी मकर राशि में गोचर कर रहे हैं इस कारण *सूर्य शनि* युति मकर राशि में होने से पिता पुत्र कलह , प्रजा और सरकार के बीच टकराव, ज़मीन से आजीविका वालों को समस्या रहेगी, सरकारी कर्मचारी भी नियम और अनुशासन का पालन करें । खास कर जिनकी जन्म कुण्डली में पहले से ही सूर्य खराब है वह सूर्य के मकर राशि में गोचर के दौरान सावधानी बरतें । आपकी जन्म कुण्डली में सूर्य की स्थिति के अनुसार सूर्य जिन भी कारक विषयों के स्वामी होंगे उनसे संबंधित फल खराब होंगे , विशेष कर पिता, सरकार , बड़े भाई , बड़े अधिकारियों की तरफ से परेशानी रहेगी । ज्योतिष अनुसार सूर्य का गोचर जन्म कुण्डली के 3, 6, 10, 11वे भाव में शुभता देता है, जबकि 1, 4, 7, 8 और 12वे भाव में सूर्य का गोचर कष्टकारी होता है ।
*मंगल_ग्रह_का_गोचर* : पूरे जनवरी महीने में मंगल का गोचर मेष राशि में रहेगा । *मेष मंगल की खुद की राशि है* और क्योंकि मेष राशि का तत्व अग्नि है इस कारण अग्नि तत्व राशि में मंगल और उग्र हो जाता है, इस कारण मंगल की कारक विषय जैसे कि छुरी, तेजधार हथियार से चोट का भय रहेगा, दोस्तों या पड़ोसी से झगड़ा हो सकता है, आग और कैमिकल के कार्य करते समय सावधानी बरतें, लेकिन अगर यही मंगल का गोचर आपकी चन्द्र राशि अनुसार 2, 3, 6, 9, 10, 11वे भाव में है तो इसके फल बहुत सकारात्मक होंगे, ज़मीन से जुड़े विषयों में या फिर नोकरी कारोबार में मित्र या भाई के माध्यम से कुछ अच्छा हो सकता है, ज़मीन की खरीद बेच में अच्छा मुनाफा हो सकता है । लेकिन मंगल के इन सकारात्मक फल प्राप्ति के लिए आपकी जन्म कुण्डली में भी मंगल की स्थिति मित्र राशि में या अपनी या उच्च राशि में मंगल की स्थिति होनी चाहिए । जबकि 1, 4, 7, 8 और 12वे भाव में गोचर कष्टकारी होता है । जिनके लिए भी यह गोचर शुभ भाव में है वह अपने साथ लाल रुमाल रखें , किसी भी रूप में तांबा धारण करें , मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा आराधना करें ।
*बृहस्पति_देव गुरु अस्त है:* वर्तमान समय में बृहस्पति का गोचर मकर राशि में है जो कि *19 जनवरी से अस्त होंगे और 16 फरवरी को उदय होंगे* । इस में महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रहस्पति ग्रह सफलता और लाभ प्राप्ति का कारक है , धार्मिक कार्यो का भी कारक है इस नाते यह सब कार्य 16 फरवरी तक स्थगित रहेंगे, दूर स्थान की यात्रा या रिश्ते जोड़ना भी शुभकारी नहीं रहेगा । किसी भी रूप में धन लगाने के कार्य बृहस्पति अस्त के समय ना करें । विशेष कर जिनके लग्न कुण्डली अनुसार बृहस्पति केंद्र या त्रिकोण भाव का स्वामी है वह पीले चने की दाल गुरुवार के दिन मंदिर में दें । *डॉ विकासदीप शर्मा* 9993462153
*श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिबपुरी**
*शनि देव _अस्त* : वर्तमान समय में शनि का गोचर मकर राशि में है जो कि *12 जनवरी से अस्त होंगे और 14 फरवरी को उदय होंगे ।* इस में महत्वपूर्ण बात यह है कि शनि ग्रह कार्य कुशलता, मेहनत, सेवक , अनुशासन के कारक हैं, शनि के अस्त होने से वृषभ और तुला लग्न वालों पर आलस्य रह सकता है क्योंकि शनि इनके लिए योगकारक ग्रह हैं, अन्य लग्न वालों को भी शनि की भाव स्वामी स्थिति अनुसार फल प्राप्ति में कमी आएगी, शनि को प्रजा यानी सहयोगियों के रूप में भी देखा जाता है, इस नाते प्रजा में सरकार प्रति क्रोध और बढ़ेगा, कार्यस्थल पर भी निम्न वर्ग के कर्मचारियों की वजह से अधिकारियों को समस्या आ सकती है, सामाजिक झगड़े बढ़ेंगे, सरकार के प्रति किसान और उग्र हो सकते हैं । सामान्य तौर पर इस समय अवधि में अफवाहों से दूर रहें, कोई बात सुन कर जल्दी ही क्रोध ना करें नहीं तो बेवजह समस्या बढ़ सकती है ।
*पूर्णिमा_तिथि : 28 जनवरी दिन गुरुवार को पौष महीने की पूर्णिमा तिथि रहेगी* । पूर्णिमा तिथि के आराध्य देव नारायण जी हैं , इस लिए इस दिन ब्रहस्पति ग्रह की मज़बूती के लिए सत्य नारायण जी की कथा का आयोजन घर मे किया जाता है , जिनकी कुण्डली में बृहस्पति ग्रह कमज़ोर या पीड़ित या गुरु राहु की युति होती है उनको इस दिन व्रत करते हुए पीली चीज़ों का दान मंदिर में करना चाहिए । जिनकी जन्म कुण्डली में चंद्रमा और बृहस्पति कमजोर या पाप पीड़ित हों उनको इस दिन पूजा उपासना और दान करने चाहिए ।
*अमावस्या_तिथि : 13 जनवरी दिन बुधवार को पौष महीने की अमावस्या तिथि रहेगी* । इस तिथि पर किये गए दान पुण्य पितरों को प्राप्त होते हैं, और मन्त्र जप पूजा उपासना से हमारे पितर प्रसन्न होते हैं । इस नाते जिनकी जन्म कुण्डली में पितर दोष हो, जिनकी जन्म कुण्डली में सूर्य चंद्र मंगल और बृहस्पति से संबंधित कुछ दोष हो उनको इस दिन जप तप पूजा उपासना दान पुण्य करने चाहिए । जिस से पितरों की कृपा से उनकी रुकी हुई तरक्की फिर से चल पड़ते हैं ।
*डॉ विकासदीप शर्मा* 9993462153
*श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिबपुरी**