शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

14 जनवरी से मकर राशि मे सूर्य का शनि के साथ मिलन कैसा रहेगा

*श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपुरी* 
*मकर राशि में 5 ग्रहों का प्रभाव* 

●  14 जनवरी (मकर संक्रांति) से सूर्य का गोचर मकर राशि में प्रारंभ हो गया था तथा शनि एवं बृहस्पति पहले से ही मकर राशि में गोचर कर रहे थे.

●    *28 जनवरी से शुक्र भी मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं.*

●   *मकर राशि में शनि तथा मेष राशि में यूरेनस ग्रह गोचर कर रहे हैं तथा 90 डिग्री का आपस में आसपैक्ट.*
मेदिनी ज्योतिष प्रकृति और देश के बारे में देखा जाता है जिसमे 3 ग्रह नेप्च्यून प्लूटो ओर हर्षल का विशेष प्रभाब देखा जाता है ।

●    *उपरोक्त के अतिरिक्त प्लूटो का भी मकर राशि में गोचर.*
》》    *28 जनवरी 2021 को सौर्य मंडल में गोचर कर रहे समस्त ग्रहों की उपरोक्त स्थिति से निम्न विशिष्ट स्थिति बनती दिखाई पड़ रही है;*

(1)   28 जनवरी को चंद्रमा कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र के चौथे पद (13 ° 20 ° - 16 ° 40) मैं गोचर करेंगे. पुष्य को नक्षत्रों का राजा भी कहते हैं। माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र से किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि व अधिष्ठाता बृहस्पति देव हैं। शनि के प्रभाव से इस नक्षत्र का स्वभाव स्थायी या लंबे समय तक होता है और बृहस्पति देव के कारण वह समृद्धिदायी होती है। 
       (यह पद पुष्य नक्षत्र के गूढ़ पक्ष से संबंधित है, जो सौर्य मंडल के खगोलीय रहस्य के साथ संबंध चाहता है। यह मंत्रों और अनुष्ठानों का भी पद कहा जाता है।)

   *राहु का वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश. रोहिणी के देवता प्रजापति, स्वामी ब्रह्मा, ब्रह्मांड के निर्माता हैं। रोहिणी नक्षत्र बुद्धि और रचनात्मकता को दर्शाता है।*

*(यहां से राहु अश्विनी और स्वाति नक्षत्रों को प्रभावित करेगा। उनके अलावा, यह दोनों बुध शासित मिथुन और कन्या राशि पर भी प्रभाव डालेगा तथा साथ ही श्रवण नक्षत्रों को भी प्रभावित करेगा। श्रवण नक्षत्र में शनि एवं बृहस्पति अस्त है.)*
    *मकर राशि में  तथा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में शुक्र एवं प्लूटो की युति.*
   *मकर राशि में  तथा श्रवण नक्षत्र में ही सूर्य से युति के साथ शनी एवं बृहस्पति अस्त्त.*
   *ज्‍योतिष की गणना बता रही है शनि के अस्‍त होने और बुध के उदय होने से मेदिनी ज्योतिष के लिए तो इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता क्योंकि जनमानस में अराजकता फैलने की आशंका बढ़ जाती है। प्रशासनिक विभाग कमजोर पड़ने लगते हैं तथा जनता अपने आप से निर्णय लेने लगती है और कहीं ना कहीं कानून का उल्लंघन भी करती है। (जैसा कि 26 जनवरी को  किसानों द्वारा अपना आंदोलन निरंकुश एवं उग्र बनाना.)*
  *शीत लहरों में बढ़ोतरी होगी। उत्तर-पश्चिम राज्यों में बर्फबारी, आंधी-तूफान, तापमान में अचानक ज्यादा गिरावट देखने को मिलेगी। इसके साथ ही भूस्खलन, भूकंप के झटके, प्राकृतिक आपदाएं, समुद्र में तेज हलचल जैसी स्थितियां सामने भी आ सकती हैं। फसलों पर ओलों से नुकसान की आशंका रहेगी।*
  *मनुष्यों के साथ पशु-पक्षियों पर भी संकट बढ़ेगा। शनिदेव का वाहन कौवा है, इसलिए कौवों के द्वारा किसी रोग (जैसे की Bird Flu इत्यादि) तेजी से फैलने की पूर्ण आशंका है।*
   *शनि न्यायप्रिय और कर्मप्रधान ग्रह है। लेकिन निकट भविष्य में शासन प्रशासन की व्यवस्थाएं डगमगाएंगी। प्रशासनिक कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।* 
    *देश की न्यायपालिका और अधिक सक्रिय हो जाएगी तथा शासन प्रशासन की निष्क्रियता की वजह से न्यायपालिका को अत्यंत कड़े एवं जन सामान्य के हित में निर्णय लेने पड़ेंगे (जैसे कि वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में).*

 **डॉ विकासदीप शर्मा
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष* 
शिवपुरी 9993462153*

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