बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

ग्रहो का राशि परिवर्तन 2021 में और गुरु शनि युति 1962 के समय की ग्रह चाल समान तो नही

9 फरवरी 2021 को मकर राशि मे 20:30:29 को चन्द्रमा ने मकर मे प्रवेश किया इस तरह मकर राशि मे 7 ग्रहो की युति हो गई । जिसमे 6 मुख्य ग्रह है और साथ मे प्लूटो भी है । यह एक दुर्लभ संयोग है । 
ऐसा योग 3 फरवरी 1962 मे भी हुआ था तब राहु को छोड़कर सभी ग्रह मकर राशि मे थे । लेकिन उस युति और आज की युति मे बहुत बड़ा अंतर यह है की 1962 मे केतु भी शामिल था और सब पर राहु की दृष्टी पड़ रही थी इसलिए 1962 मे बहुत भयावह स्थिति बनी थी क्यूबा मे सोवियत संघ ने मिसाइल तैनात किये थे जिसके कारण विश्व युद्ध जैसी स्थिति बन गयी थी क्योंकि इस कदम की अमेरिका ने अपने ऊपर हमले के रूप मे लिया था । साथ ही साथ उसी साल अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या भी हुयी थी । भारत की बात करें तो उस साल हमारा युद्ध चीन से हुआ था जिसमे हमारी पराजय हुई थी और बहुत से लोगो की जाने चली गयी थी । उसी साल पहला सेटेलाइट अंतरिक्ष मे स्थापित हुआ था जिससे TV प्रसारण के क्षेत्र मे क्रांति आई थी और आज का युग उसी का परिणाम है । उसी साल सम्पूर्ण विश्व मे कई आर्थिक सुधार भी हुए थे हमें यह नहीं भूलना चाहिए । यानि ऐसी युति बहुत बड़े मौलिक परिवर्तन को भी जन्म देती है । अब आते है वर्तमान स्थिति पर तो हम देख सकते है की प्रत्यक्ष रूप से राहु, केतु और मंगल इस युति का हिस्सा नहीं है अतः इस युति से बहुत भयानक परिणामो की उम्मीद करना व्यर्थ है । 

सूर्य को ग्रहो का राजा कहा गया है जो शासन और सत्ता को दर्शाता है वो शनि की राशि मे है और मकर राशि पृथ्वी तत्व की राशि है और शनि स्व राशि मे है अतः कही न कही वर्तमान सरकारों को जनता के आक्रोश का सामना करना ही पड़ेगा 

गुरु अपनी नींच राशि मे है अतः सरकार अपनी बात जनता को समझा नहीं पायेगी 

बुद्ध वक्री है अतः दोनों मे संवाद हीनता या गलत सन्देश का जाना भी देखा जायेगा । 

शुक्र की स्थिति इस राशि मे न्यूट्रल होती है अतः आर्थिक दृष्टी से इसे बहुत बुरा नहीं कहा जा सकता है । 

मेदिनी ज्योतिष अनुसार विश्व या  देश की  कुण्डली में प्लूटो को truth of universe भी कहा जाता है 
अतः कुछ भूतकाल के रहस्य उजागर हो सकते है । चुंकि देव गुरु वृहस्पति और दानव गुरु शुक्र साथ है अतः सकारात्मक और नकारात्मक सोच मे टकराव देखा जायेगा । हर व्यक्ति खुद को सही मानते हुए अगले की आलोचना करेगा ।

 वृष मे स्थिति राहु की नवम् दृष्टी मकर राशि पर है अतः कही न कही सम्पूर्ण विश्व मे भ्रम की स्थिति रहेगी और गुप्त शत्रु सक्रिय रहेंगे । 

चन्द्रमा सबसे तेजी से गति करता है तो जैसे जैसे वो इन ग्रहो के करीब से गुजरेगा परिणाम तेजी से बदलेंगे । जैसे जब वो सूर्य के पास आएगा तो सरकार को जनता का समर्थन मिल सकता है । जब शुक्र के करीब होगा तो अर्थव्यवस्था मे कोई बड़ा परिवर्तन संभव है । जब वक्री बुध से सम्बन्ध बनाएगा तो छोटे मोटे भूकंप की सम्भावना बनेगी । गुरु से मिलेगा तो कोई नई विचारधारा का उदय संभव है । शनि से सम्बन्ध माने तो कोई विश्व पटल पर अनचाही घटना हो सकती है उग्र प्रदर्शन हो सकता है सत्ता के विरुद्ध उसी प्रकार प्लूटो के साथ मिलकर यह कोई रहस्य उजागर करा सकता है । 

शुक्र को मृतसंजीवनी विद्या का जानकार कहा गया है अतः कोरोना का प्रभावी उपचार मिलेगा और औषधि व स्वस्थ्य क्षेत्र मे परिवर्तन का योग भी नजर आ रहा है । नक्षत्र स्थिति के हिसाब से देखे तो ज्यादातर ग्रह श्रवण नक्षत्र मे है जो चन्द्रमा का नक्षत्र है जैसा की नाम से स्पष्ट है हमें बहुत कुछ अच्छा या बुरा सुननें को मिलेगा ।

 सूर्य मंगल के नक्षत्र मे है यानि सरकारे सेना पुलिस या ताकत से स्थिति को काबू करने का प्रयास कर सकती है ।
 मंगल शुक्र के नक्षत्र मे है जो इस युति का हिस्सा है अतः कठोर आर्थिक कदम की उम्मीद की जा सकती है । 

राहु मंगल के नक्षत्र मे है अतः सेना या पुलिस पर हमला भी दिखाई दे रहा है ।
 केतु बुध के नक्षत्र मे है अतः हमें कम्युनिकेशन क्षेत्र मे नई क्रांति दिख सकती है और यह भ्रामक बातो के फैलाव को भी दर्शा रहा है । 

अब यदि दृष्टी की बात करें तो मकर मे स्थित सभी ग्रह कर्क राशि को देख रहे है जो जलीय राशि है अतः पृथ्वी पर जल से सम्बंधित दुर्घटना का प्रबल योग है । चन्द्रमा मन का भी कारक है अतः मन थोड़ा व्यथित रहेगा । 

जैमिनी दृष्टी के हिसाब से इस युति का प्रभाव वृष, सिँह और वृश्चिक राशि पर ज्यादा पड़ेगा अतः यह राशियां आपकी कुंडली मे जिस भाव का प्रतिनिधित्व करती है उसके प्रति सावधान रहने की जरुरत है ।
 सर्व अष्टक  वर्ग मे नजर डाले तो सबसे ज्यादा बिंदु वृश्चिक राशि को मिल रहे है जो बहुत बड़े बदलाव का भी सूचक है अतः कोई बड़ा बदलाव आर्थिक सामाजिक और विश्व स्तर पर हो सकता है । या कहे कि  यह वक़्त की जरुरत बनकर उभरेंगे । 

वराह मिहिर के अनुसार जब भी ऐसी युति रहती है तो इसका प्रभाव तब तक रहता है जब तक उस राशि का स्वामी राशि परिवर्तन नहीं करता है । मकर का स्वामी शनि है जो लगभग 2022 तक मकर मे रहेगा अतः इसका परिणाम शनि के राशि परिवर्तन तक देखा जायेगा । 

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है यह युति वास्तव मे भविष्य मे होने वाले किसी बड़े बदलाव की ओर इंगित कर रही है जिसके लिए हमें अभी से कमर कस लेनी चाहिए । 

मैं गुरूदेव ओर माई महाराज  से यही प्रार्थना करूँगा की आने वाला समय आप सबके लिए शुभ हो । इस काल खंड मे सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे मन और दिमाग़ पर पड़ने वाला है अतः सभी को ध्यान का अभ्यास करना चाहिए । जो जप करते है उन्हें सोम गायत्री मन्त्र का जप करना चाहिए । और जितना हो सके खुद को सकारात्मक रखने का प्रयास करना चाहिए । लोग क्या कर रहे है इससे ज्यादा इस बात पर गौर करना चाहिए की हम क्या कर सकते है । 

श्री मंशापूर्ण ज्योतिष डॉ विकासदीप शर्मा ज्योतिषाचार्य 9993462153