मंगलवार, 25 अगस्त 2020

गुरु ग्रह का शुभ फल प्राप्त करे

*गुरु को कैसे अच्छा कर सकते हैं*

यदि कुंडली में गुरु ग्रह का कोई दोष हो तो विवाह और भाग्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गुरु ग्रह के दोषों की शांति के लिए गुरुवार को खास उपाय किए जा सकते हैं। गुरु ग्रह को बृहस्पति भी कहा जाता है, ये देवताओं के गुरु भी हैं। गुरु वैवाहिक जीवन व भाग्य का कारक ग्रह है।

गुरु ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं. जीवन में हर क्षेत्र में सफलता के पीछे गुरु ग्रह की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है.

कुंडली में अगर गुरु मजबूत हो तो सफलता का कदम चूमना बिल्कुल तय है.

सफलता के पीछे सकारात्मक उर्जा का होना अहम होता है और यही काम गुरु करते हैं. गुरु जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक उर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं.

अपने सकारात्मक रुख के चलते व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझा लेता है.

गुरु आशावादी बनाते हैं और निराशा को जीवन में प्रवेश नहीं करने देते. इसके फलस्लरूप सफलता खुद ब खुद कदम चूमने लगती है. और जब सफलता मिलती रहती है तब जिंदगी में खुशहाली भी आ जाती है.

लेकिन यही गुरु अगर कमजोर हो तो तमाम मुश्किलें जीना मुहाल कर देती है. बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं, किसी काम में यश नहीं मिलता, घर में पैसे की तंगी बनी रहती है और स्वास्थ्य पर भी इसका असर दिखने लगता है.

ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि अगर आपकी कुंडली में गुरु कमजोर है तो उसे मजबूत कैसे करें और कैसे घर में खुशहाली लाएं.

गुरु के प्रबल प्रभाव वाले जातकों की वित्तिय स्थिति मजबूत होती है तथा आम तौर पर इन्हें अपने जीवन काल में किसी गंभीर वित्तिय संकट का सामना नहीं करना पड़ता. ऐसे जातक सामान्यतया विनोदी स्वभाव के होते हैं तथा जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में इनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है.

ऐसे जातक अपने जीवन में आने वाले कठिन समयों में भी अधिक विचलित नहीं होते तथा अपने सकारात्मक रुख के कारण इन कठिन समयों में से भी अपेक्षाकृत आसानी से निकल जाते हैं.

ऐसे जातक आशावादी होते हैं तथा निराशा का आम तौर पर इनके जीवन में लंबी अवधि के लिए प्रवेश नहीं होता जिसके कारण ऐसे जातक अपने जीवन के प्रत्येक पल का पूर्ण आनंद उठाने में सक्षम होते हैं. ऐसे जातकों के अपने आस-पास के लोगों के साथ मधुर संबंध होते हैं तथा आवश्यकता के समय वे अपने प्रियजनों की हर संभव प्रकार से सहायता करते हैं.

इनके आभा मंडल से एक विशेष तेज निकलता है जो इनके आस-पास के लोगों को इनके साथ संबंध बनाने के लिए तथा इनकी संगत में रहने के लिए प्रेरित करता है. आध्यात्मिक पथ पर भी ऐसे जातक अपेक्षाकृत शीघ्रता से ही परिणाम प्राप्त कर लेने में सक्षम होते हैं.

गुरु के बारे में कुछ तथ्य

1. गुरु वृहस्पति लग्न मे बैठा हो , तो बली होता है और यदि चन्द्रमा के साथ कही बैठा हो तो चेष्ठाबली होता है.

2. गुरु वृहस्पति को शुभ ग्रह माना गया है.

3. गुरु वृहस्पति धनु एवं मीन राशि का स्वामी है.

4. गुरु वृहस्पति जातक को मजिस्ट्रेट, वकील, प्रिंसिपल, गुरु, पंडित, ज्योतिषी, बैंक, मैनेजर, एमएलए, मंदिर के पुजारी, यूनिवर्सिटी का अधिकारी, एमपी, प्रसिद्द राजनेता के गुण आदि बनाता है.

5. एक राशि मे गुरु वृहस्पति 13 मास तक गुरु को कैसे करें प्रसन्न

गुरु ग्रह के दोषों को दूर करने के उपाय

: यदि कुंडली में गुरु ग्रह का कोई दोष हो तो विवाह और भाग्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गुरु ग्रह के दोषों की शांति के लिए गुरुवार को खास उपाय किए जा सकते हैं। गुरु ग्रह को बृहस्पति भी कहा जाता है, ये देवताओं के गुरु भी हैं। गुरु वैवाहिक जीवन व भाग्य का कारक ग्रह है।

यहां जानिए कुछ उपाय, जिनसे गुरु ग्रह के दोषों को दूर किया जा सकता है…

1. हर गुरुवार शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। इस उपाय से गुरु ग्रह के दोष दूर होते हैं।

2. गुरुवार को गुरु ग्रह के लिए व्रत रखें। इस दिन पीले कपड़े पहनें। बिना नमक का खाना खाएं। भोजन में पीले रंग का पकवान जैसे बेसन के लड्डू, आम, केले आदि भी शामिल करें।

3. गुरु बृहस्पति की प्रतिमा या फोटो को पीले कपड़े पर विराजित करें और पूजा करें। पूजा में केसरिया चंदन, पीले चावल, पीले फूल और प्रसाद के लिए पीले पकवान या फल चढ़ाएं।

4. गुरु मंत्र का जप करें- मंत्र- ॐ बृं बृहस्पते नम:। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।

5. गुरु से जुड़ी पीली वस्तुओं का दान करें। पीली वस्तु जैसे सोना, हल्दी, चने की दाल, आम (फल) आदि।

6. गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें। स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

7. गुरुवार की शाम को केले के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं। केले की पूजा करें और लड्डू या बेसन की मिठाई चढ़ाएं।

8. गुरुवार की विशेष पूजा के बाद स्वयं के माथे पर केसर का तिलक लगाएं। यदि केसर नहीं हो तो हल्दी का तिलक भी लगा सकते हैं।

9. गुरुवार को माता-पिता एवं गुरु के चरण स्पर्श करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

इन उपायों से धन, संपत्ति, विवाह और भाग्य संबंधी बाधाएं दूर हो सकती है।

डॉ विकास दीप शर्मा श्री मंशापूर्ण ज्योतिष 
9425137382