रविवार, 23 जून 2019

मंगल देव का 22 जून 2019 को राशि परिवर्तन

*मंगल का हुआ कर्क राशि में गौचर कैसा होगा ।*
मंगल राहु युति 22 जून को समाप्त हो गयी ।।
मंगल देव ने किया चंद्र की राशि ओर अपनी नीच ग्रह कर्क राशि में प्रवेश ।।
सौर मंडल में मंगल ग्रह को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कहा जाता है कि मंगल ग्रह धरती और उसके जीवों को कई सारी आपदाओं से बचाने में मदद करता है। जैसे मंगल ग्रह धरती को शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से भी बचाता है। इसके साथ ही माना गया है कि मंगल ग्रह के कारण ही नीले समुद्र में मूँगे का जन्म होता है और यही विशेष कारण है कि प्रकृति में लाल रंग की उत्पत्ति हुई है।

ज्योतिष शास्त्रों में मंगल ग्रह को बेहद क्रूर ग्रह माना गया है। मंगल ग्रह को अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व प्राप्त है, इसलिए इसे अंगारे जैसा रक्त वर्ण भौम यानि भूमि पुत्र का दर्जा भी दिया गया है। लेकिन ये केवल अशुभ हो, ये आवश्यक नहीं। हर कुंडली के लिए मंगल अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने में सक्षम है। वहीं अगर लाल किताब की मानें तो उसमें मंगल ग्रह को नेक और मंगल को शुभ और कभी-कभी अशुभ फल देने वाला ग्रह अलग-अलग रूप में माना गया है जिसके चलते ही जातक को मंगल ग्रह के फल और अन्य सभी बातों को अलग-अलग बताया गया है। लाल किताब के अनुसार कुंडली में मंगल के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। जिसके निवारण हेतु आपको इससे उपाय भी सुझाए गए हैं।

मंगल देव को युद्ध के देवता की उपाधि भी दी गयी है, जिन्हें शारीरिक ऊर्जा, आत्मविश्वास, अहंकार, क्रोध, वीरता और साहस जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व भी प्राप्त है। इसी कारण जिस भी जातक की कुंडली में मंगल कमज़ोर होता है तो ये देखा गया है कि इसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति को रक्त संबंधी समस्याएं, फोड़े, फुंसी, दुर्घटनाएँ आदि से जुड़ी कोई परेशानी रहती है और वह जातक आमतौर से थोड़ा डरपोक प्रवृत्ति का होता है।  कुंडली मे  मंगल कमज़ोर या दुर्बल होने के पीछे क्या कारण होते हैं:-

भगवान हनुमान या श्री राम जी का मज़ाक उड़ाने या उनका अपमान करने से जातक का मंगल दुर्बल हो जाता है।अपने धर्म धर्म का पालन नहीं करने से भी जातक का मंगल खराब हो जाता है। घर या कार्य स्थल का पश्‍चिम कोण यदि अशुद्ध हो तो जातक का मंगल भी खराब होगा।अपने सगे भाई या किसी मित्र या क़रीबी को दुश्मन बनाने से इसका बुरा असर आपके मंगल के ऊपर पड़ता है।निरंतर क्रोध करते रहने से मंगल ग्रह का कुंडली पर नकारात्मक प्रभाव दिखता है।किसी भी कुंडली के चौथे और आठवें भाव में मंगल का होना बेहद अशुभ माना गया है।किसी भी भाव में मंगल अकेला हो तो वो एक पिंजरे में बंद शेर की भाँति हो जाता है।सूर्य और शनि के साथ मिलकर मंगल अशुभ बन जाते हैं।मंगल के साथ केतु हो तो उसका बेहद अशुभ फल जातक को भुगतना पड़ता है। मंगल के साथ शत्रु ग्रह बुध का होना अशुभ फलों की प्राप्ति कराता है।

हर राशि के लिए मंगल का प्रभाव बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इसके किसी कुंडली में बली या मजबूत होने पर जहाँ ये जातक को अच्छे फल देता है। वहीं कुंडली में मंगल के खराब होने पर जातक को कई गंभीर बीमारी या समस्या होने का खतरा सदैव बना रहता है। मंगल के खराब होने से जातक को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है: पं विकासदीप शर्मा श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपुरी 9426137382

मंगल ग्रह को हौसले, बल शक्ति और लड़ाई का प्रतीक बताया गया है। इसलिए यदि व्यक्ति डरपोक है तो उसका मतलब उसका मंगल खराब है।जिस भी जातक का मंगल खराब या कमज़ोर होता है तो उस जातक के बड़े भाई पर उसका अशुभ फल पड़ता है। मंगल के खराब होने पर जातक को संतान सुख की प्राप्ति होने में अड़चनें आती हैं। मंगल खराब होने पर व्यक्ति हर समय झगड़ता रहता है। मंगल के अशुभ प्रभाव के चलते व्यक्ति को जेल या कोर्ट -कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

*गोचर काल का समय*

अब यही पराक्रम और साहस का कारक लाल ग्रह मंगल 22 जून 2019, शनिवार को मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करने जा रहा है। मंगल का ये गोचर रात्रि 23:21 बजे कर्क राशि में होगा, जिसके बाद मंगल 9 अगस्त 2019 की सुबह 04:32 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा।

*मंगल गोचर का शेयर बाज़ार पर प्रभाव*
मंगल ताँबा, सोना, लोहा एवं अन्य धातुएं, मशीनरी, चौपाये, गुड़, धनिया, हल्दी, गन्ना, मुनक्का, किशमिश, लौंग, सुपारी, किराना, लाल मिर्च, चाय, शराब, छुहारा, मसूर, मोठ तथा गेहूं को नियंत्रित करता है। इसके अतिरिक्त मंगल को बिजली अर्थात ऊर्जा का स्वामित्व प्राप्त होता है इसलिए अपनी नीच राशि कर्क में गोचर करने के कारण इन वस्तुओं के दामों में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

*मंगल का राजनीति पर प्रभाव*

हाल ही में आए लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों में जिस प्रकार बीजेपी को पीएम मोदी की अच्छी छवि का फायदा मिला। दरअसल उसके पीछे का कारण भी उनकी कुंडली में मंगल देव द्वारा रूचक योग बनाकर उन्हें अधिक शक्तिशाली बनाना शामिल है। उनकी कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति में होना और नवम भाव में हो रहा ये गोचर उनके लिए बेहद अच्छा माना जा रहा है। इस गोचर के दौरान मोदी जी को और सफलताएँ एवं वाह-वाही मिलेगी।

*मंगल के गोचर से देश पर पड़ेगा ऐसा असर*

इसके अलावा 22 जून को जिस प्रकार मंगल अपनी नीच राशि कर्क में गोचर कर रहा है। उसी प्रकार 21 जून को मंगल के शत्रु ग्रह बुध का भी कर्क राशि में ही गोचर हुआ, जिसके चलते भारत के अपने पड़ोसी देशों से संबंध बिगड़ने या उसमें खटास आने की संभावना दिखाई दे रही है। ऐसे में इस गोचर के चलते देश भर के नेतों की जुबान खराब हो सकती है जिसके चलते आपको बीच-बीच में नेताओं से अपशब्द या जुबानी जंग सुनने को मिलती रहेगी। जिससे देश की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो सकती है।

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